भागवत आध्यात्मिक पक्ष
भागवत आध्यात्मिक पक्ष –
"जब भगवान श्रीकृष्ण ने जब सृष्टि के लिए संकल्प किया तब उनके दिव्य विग्रह से तीन पुरुष प्रकट हुए - इनमे
"रजोगुण" की प्रधानता से - "ब्रह्मा".
"सत्वगुण" की प्रधानता से "विष्णु" .
और "तमोगुण" की प्रधानता से "रूद्र" प्रकट हुए.
भगवान ने इन तीनो को क्रमशः जगत की उत्पत्ति, पालन और संहार करने का अधिकार प्रदान किया.
Bhagwat spiritual side -
"When Lord Krishna, his divine deity resolution for the creation of the three men appeared - these
"Rjogun" from the primacy - "Brahma".
"Satvgun" primacy of the "Vishnu".
And "tamoguna" from the primacy of "Rudra" appeared.
God is the foundation of the world these three, respectively, following the granting of the right to self-destruct.
"जब भगवान श्रीकृष्ण ने जब सृष्टि के लिए संकल्प किया तब उनके दिव्य विग्रह से तीन पुरुष प्रकट हुए - इनमे
"रजोगुण" की प्रधानता से - "ब्रह्मा".
"सत्वगुण" की प्रधानता से "विष्णु" .
और "तमोगुण" की प्रधानता से "रूद्र" प्रकट हुए.
भगवान ने इन तीनो को क्रमशः जगत की उत्पत्ति, पालन और संहार करने का अधिकार प्रदान किया.
Bhagwat spiritual side -
"When Lord Krishna, his divine deity resolution for the creation of the three men appeared - these
"Rjogun" from the primacy - "Brahma".
"Satvgun" primacy of the "Vishnu".
And "tamoguna" from the primacy of "Rudra" appeared.
God is the foundation of the world these three, respectively, following the granting of the right to self-destruct.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment